*दिखावे से परमात्मा को प्राप्त करने का प्रयास न करें- पंडित प्रदीप मिश्रा* खरोरा;—बालोद जिला मुख्यालय के समीपस्थ ग्राम जुगेरा में मणिलिंग शिव महापुराण कथा के चौथे दिन अपार भीड़ को संबोधित करते हुए प्रख्यात कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि मुक्ति पाने के लिए लोग बहुत प्रयास करते हैं, लेकिन सबसे जरूरी है भक्ति पाने का प्रयास करना। उन्होंने कहा इंद्रियों के माध्यम से भगवान की अविरल भक्ति को प्राप्त करें। दिखावे से परमात्मा को प्राप्त करने का प्रयास नहीं करें बल्कि मन, हृदय की पवित्रता, दिल की शुद्धता से भगवान को प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने लोगों के दुखों के कारण को बताते हुए कहा इस मृत्यु लोक में हमे पूर्व में किये गए कर्म का फल भोगना पड़ता है। सोमवार को चौथे दिन कथा सुनने लगभग चार लाख लोग पहुंचे । पूरा नी पंडाल खचाखच भरा हुआ था। इसके बाद भी बाहर हजारों लोग कड़ी धूप में छाता लेकर बैठे रहे, जिसको जहां जगह मिली वहीं पर बैठकर कथा का आनंद लिया। *राजनीति के चक्कर में धर्म को खिलौना बनाया जा रहा* उन्होंने जीवन में एक संकल्प व नियम को धारण करने की बात कही और कहा आज राजनीति के चक्कर में धर्म को खिलौना बनाया जा रहा है और सनातन धर्म से खेला जा रहा है। उन्होंने कहा चंद्रयान जहां पर उतरा उस जगह को शिव शक्ति नाम दिया गया है। यह हमारे वेद पुराण और विज्ञान की देन है। जो कहीं न कही शिव भक्ति का बल है । *ट्रेन में पैर रखने की जगह नहीं** कथा प्रारंभ होने के पहले रायपुर से दोपहर 12 बजे बालोद एक ट्रेन आती है। इस ट्रेन में पैर रखने की जगह नहीं होती है। लोग खचाखच भरे होते हैं इसी तरह कथा समाप्ति के बाद वापसी के लिए श्रद्धालुओं को शाम 7:30 बजे दुर्ग जाने के लिए ट्रेन मिल रही है। इस कारण बालोद आने वाली और शाम को दुर्ग जाने वाली ट्रेन में पैर रखने की जगह नहीं है। इसके अलावा बालोद शहर से होकर गुजरने वाली सभी बसों में भी खूब भीड़ चल रही है। *कथा पंडाल पर रात में करते हैं भजन* कथा पंडाल में रुके हुए श्रद्धालु रात में भजन कीर्तन कर कर अपना समय काट रहे हैं। उनमें से कुछ लोग ऐसे हैं जो प्लास्टिक की बाल्टी को वाद्य यंत्र बनाकर भगवान भोलेनाथ की भजन कर रहे हैं। पूरे पंडाल में जगह-जगह लोग समूह बनाकर भजन कर रहे हैं। नाच गा कभी रहे हैं। वहीं कई लोग बड़े आराम से चैन की सुन रहे हैं। न नींद भी सो रहे हैं। *जगह-जगह जलपान की व्यवस्था* कथा में जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए अनेक स्थानों व जुंगेरा कथा स्थल के आसपास है जलपान की व्यवस्था की गई है। कथा पंडाल पर रुके हुए श्रद्धालुओं के लिए विभिन्न संस्थाओं द्वारा बिस्किट नाश्ते की व्यवस्था की जा रही है। वही सुबह से उनके लिए स्वल्पाहार की व्यवस्था कर रहे हैं। ब्राह्मण समाज द्वारा जुगेरा में सभी लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था की रखी गईहैं । इसके अलावा कथा पंडाल पर देवांगन समाज द्वारा और डड़सेना परिवार द्वारा निशुल्क चाय नाश्ते की व्यवस्था की गई है। *प्रतिदिन बढ़ती जा रही हैं श्रद्धालुओं की संख्या* पहले दिन लगभग 2 लाख और दूसरे दिन 3 लाख से अधिक लोक कथा सुनने पहुंचे। उसे हिसाब से अंदाज लगाया जा रहा है कि आने वाले दिनों में श्रद्धालुओं की संख्या 5 लाख पहुंच सकती है। लोग पंडाल के बाहर भी कड़ी धूप में कथा सुन रहे हैं। जहां भी जगह मिल रही है लोग खड़े होकर या बैठकर कथा सुन रहे हैं । *सुबह 8: बजे पहुंच रहे हैं कथा भक्त कथा सुनने* भक्तों में इतना उत्साह है कि सुबह 8:00 बजे से कथा स्थल पहुंच रहे हैं बता दे हैं कथा लगभग दोपहर 2:30 बजे शुरू होता है भक्ति गण 6 घंटा कथा सुनने के इंतजार करते हैं। उसके बाद भी उनके उत्साह में कोई कमी नहीं है।
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