प्रेस विज्ञप्ति बलौदा बाजार…… मांगने से भीख मिलती है अधिकार नहीं, अधिकार के लिए लड़ाई लड़नी पड़ती है, वह भी संगठित होकर तब जाकर अधिकार मिलता है l इसके बावजूद भी अधिकार ना मिले तो आंदोलन का रुख अपनाना पड़ता है l इसी कड़ी में अपने अधिकार प्राप्त करने के लिए किसान मजदूर एवं संयुक्त किसान मोर्चा( गैर राजनीतिक)) संगठित होकर विगत दो दिनों से शंभू बॉर्डर पर अड़े हुए हैं l बताते चले की किसानों की लगभग वे ही मांगे हैं जिन्हें लेकर 5 नवंबर 2020 से 11 दिसंबर अर्थात 378 दोनों का ऐतिहासिक आंदोलन किया था l और जैसा की सर्वविदित हो कि इस आंदोलन में 700 से अधिक किसानों की जान चली गई थीl केंद्र की मोदी सरकार द्वारा गुपचुप तरीके से ले गए तीन कृषि कानून के खिलाफ किसानों ने लंबा आंदोलन कर सरकार को उन्हें वापस लेने के लिए मजबूर किया था l और जैसा कि मालूम हो कि इन तीन कृषि कानून को लाने का मोदी सरकार जब का सीधा मकसद था कि किसानों की उपज को कौड़ी के भाव खरीद कर कारोबार जगत ,उद्योगपतियों, एवं बड़े व्यायसायियो को लाभ पहुंचाना एवं किसानों को तबाह करना था l उक्त बातें प्रदेश महामंत्री पिछड़ा वर्ग विभाग एवं बलौदा बाजार के किसान नेता के के वर्मा ने कही l श्री वर्मा ने मोदी सरकार पर किसान विरोधी सरकार होने की गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि इन काले कानूनो के संबंध में श्री मोदी ने कहा था कि शायद “मेरी तपस्या में कोई कमी रह गई” कि हम इन कानून का लाभ किसानों को समझा नहीं पाए ,जैसे भावपूर्ण शब्दों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन कानून को वापस तो ले लिया था ,साथ ही किसानों की समस्याओं को दूर करने का पूर्ण आश्वासन भी दिया था l इसके अलावा 2022 तक किसानों की आय दुगनी करने एवं एमएस स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशो के अनुसार किसानों की उत्पादों के न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करने का वादा किया था। परंतु आज पर्यंत इसे लागू नहीं कर यह साबित कर दिया कि मोदी सरकार किसान विरोधी सरकार एवं किसानों की दुश्मन भी है l श्री वर्मा ने आगे कहा कि जिन एमएस स्वामीनाथन को हफ्ते भर पहले ही भारत रत्न देकर सम्मान किया गया आज उन्हीं के किसानो को जो की अन्नदाता भी है उनके ऊपर अपराधियों जैसा व्यवहार किया जा रहा है l इस अन्नदाता किसानों पर हरियाणा _पंजाब सीमाओं पर आंसू गैस के गोले बरसा रही है, छर्रे मार रही है जैसे कि वे किसान अन्नदाता नहीं दुश्मन है l श्री वर्मा ने अपने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से श्री मोदी से आग्रह किया की सरकार को चाहिए कि वह अविलंब किसानों से बातचीत कर उनकी मांगों को पूरा कर इस दुख की घड़ी में किसानों की आंसू पोंछने का कार्य कर किसानों को बर्बाद होने से बचाएं l प्रेषक के के वर्मा बलौदा बाजार