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बलौदाबाजार बच्चों के सर्वांगीण विकास में शिक्षा संस्कार अनुशासन व समय का समायोजन का होना आवश्यक डा संजय पांडेय मिथलेश वर्मा ब्यूरो चीफ बलौदा बाजार बलौदाबाजार के पंडित वाल्मीकि विप्र वाटिका में बच्चों के विकास और उनकी क्षमता को पहचानने तथा पालको का बच्चों के विकास में किस तरह का योगदान हो सके जिसको लेकर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में मुख्य वक्ता के रूप में अंबुजा विघापीठ के प्राचार्य संजय पांडेय उपस्थित थे जिन्होंने बच्चों के विकास को लेकर अपने रिसर्च के माध्यम से पालको को बताया कि बच्चों का सर्वागीण विकास कैसे हो और बच्चों के प्रति हमारे व्यवहार के साथ उनके अंदर छुपी प्रतिभा को कैसे तराशा जाये इस पर विशेष प्रकाश डाला गया। डा पांडे ने बताया कि बालक जब गर्भ में आता है उसी वक्त से उसके सम्पूर्ण शरीर के साथ मस्तिष्क का विकास प्रारंभ हो जाता है ऐसे समय में माताओं को ज्ञानवर्धक पुस्तकों का अध्ययन करने के साथ ही अच्छे और विद्वान लोगों की संगत में बैठना चाहिए और उनके विचारों को सुनना चाहिए। बच्चों के संसार में आते ही जन्म से लेकर आठ वर्ष तक समय गोल्डन समय होता है जहाँ बालक किस क्षेत्र में जायेगा यह पता चल जाता है इस समय में बालक जो अपने मातापिता के साथ परिवार के सदस्यों के आचरण व्यवहार को देखता है वह सीखता है। ऐसे समय में हमे मोबाईल का ऊपयोग कम कर बच्चों के सामने पुस्तकों का अध्ययन करना चाहिए साथ ही बच्चों को भी पुस्तक पढने देना चाहिए, इसके साथ ही एक सकारात्मक वातावरण और विचार घर में लाना चाहिये, इसके साथ हमे स्वयं अनुशासित रहकर बच्चों को अनुशासन सिखाना चाहिए इसके अलावा हमे हमारे धर्म हमारी संस्कृति का ज्ञान देकर उन्हें देवालयों और जिन्हें हम अपना आराध्य मानते हैं वहां लेजाना चाहिए, बडो़ का आदर करना सिखाना चाहिए, इस उम्र में बच्चों के मानसिक विकास का विशेष ध्यान रखना होता है। उम्र बढ़ने के साथ उनकी गतिविधियों को ध्यान रखकर सही और गलत बातों से अवगत कराना चाहिए। साथ ही किसी भी काम को करने का समय निर्धारण होना चाहिए। कारण हम जैसा करेंगे बच्चा वैसा सिखेगा इसलिए स्वयं अनुशासित रहकर शिक्षा और संसकार के साथ आचरण करना चाहिए। उन्होंने मोबाईल के ऊपयोग पर कहा कि आधुनिक युग में इसकी बहुत ज्यादा उपयोगिता है पर कैसे ऊपयोग करें यह स्वयं पर निर्भर करता है। इस अवसर पर कृषक कल्याण बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष सुरेन्द्र शर्मा, सर्व ब्राह्मण समाज अध्यक्ष श्याम शुक्ला, महिला समाज की अध्यक्ष श्रीमती शैलजा मिश्रा, डा यू के मिश्रा, रमाकांत झा, डा श्रीमती निशा झा, एस पी पांडेय सेवानिवृत्त प्राचार्य, सहित बड़ी संख्या में पालक व बच्चे उपस्थित थे।

बलौदाबाजार
बच्चों के सर्वांगीण विकास में शिक्षा संस्कार अनुशासन व समय का समायोजन का होना आवश्यक डा संजय पांडेय

मिथलेश वर्मा ब्यूरो चीफ

बलौदा बाजार
बलौदाबाजार के पंडित वाल्मीकि विप्र वाटिका में बच्चों के विकास और उनकी क्षमता को पहचानने तथा पालको का बच्चों के विकास में किस तरह का योगदान हो सके जिसको लेकर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में मुख्य वक्ता के रूप में अंबुजा विघापीठ के प्राचार्य संजय पांडेय उपस्थित थे जिन्होंने बच्चों के विकास को लेकर अपने रिसर्च के माध्यम से पालको को बताया कि बच्चों का सर्वागीण विकास कैसे हो और बच्चों के प्रति हमारे व्यवहार के साथ उनके अंदर छुपी प्रतिभा को कैसे तराशा जाये इस पर विशेष प्रकाश डाला गया। डा पांडे ने बताया कि बालक जब गर्भ में आता है उसी वक्त से उसके सम्पूर्ण शरीर के साथ मस्तिष्क का विकास प्रारंभ हो जाता है ऐसे समय में माताओं को ज्ञानवर्धक पुस्तकों का अध्ययन करने के साथ ही अच्छे और विद्वान लोगों की संगत में बैठना चाहिए और उनके विचारों को सुनना चाहिए। बच्चों के संसार में आते ही जन्म से लेकर आठ वर्ष तक समय गोल्डन समय होता है जहाँ बालक किस क्षेत्र में जायेगा यह पता चल जाता है इस समय में बालक जो अपने मातापिता के साथ परिवार के सदस्यों के आचरण व्यवहार को देखता है वह सीखता है। ऐसे समय में हमे मोबाईल का ऊपयोग कम कर बच्चों के सामने पुस्तकों का अध्ययन करना चाहिए साथ ही बच्चों को भी पुस्तक पढने देना चाहिए, इसके साथ ही एक सकारात्मक वातावरण और विचार घर में लाना चाहिये, इसके साथ हमे स्वयं अनुशासित रहकर बच्चों को अनुशासन सिखाना चाहिए इसके अलावा हमे हमारे धर्म हमारी संस्कृति का ज्ञान देकर उन्हें देवालयों और जिन्हें हम अपना आराध्य मानते हैं वहां लेजाना चाहिए, बडो़ का आदर करना सिखाना चाहिए, इस उम्र में बच्चों के मानसिक विकास का विशेष ध्यान रखना होता है। उम्र बढ़ने के साथ उनकी गतिविधियों को ध्यान रखकर सही और गलत बातों से अवगत कराना चाहिए। साथ ही किसी भी काम को करने का समय निर्धारण होना चाहिए। कारण हम जैसा करेंगे बच्चा वैसा सिखेगा इसलिए स्वयं अनुशासित रहकर शिक्षा और संसकार के साथ आचरण करना चाहिए। उन्होंने मोबाईल के ऊपयोग पर कहा कि आधुनिक युग में इसकी बहुत ज्यादा उपयोगिता है पर कैसे ऊपयोग करें यह स्वयं पर निर्भर करता है। इस अवसर पर कृषक कल्याण बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष सुरेन्द्र शर्मा, सर्व ब्राह्मण समाज अध्यक्ष श्याम शुक्ला, महिला समाज की अध्यक्ष श्रीमती शैलजा मिश्रा, डा यू के मिश्रा, रमाकांत झा, डा श्रीमती निशा झा, एस पी पांडेय सेवानिवृत्त प्राचार्य, सहित बड़ी संख्या में पालक व बच्चे उपस्थित थे।

By प्रथम10तक NEWS

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