छत्तीसगढ़:- राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने गुरुवार को विधानसभा में छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता (संशोधन) विधेयक 2024 पेश किया। इस विधेयक पर मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस के विधायकों ने कई सुझाव दिए और सुझाव को शामिल करते हुए संशोधन पेश करने की मांग की, जिसे राजस्व मंत्री श्री वर्मा ने यह कहकर टाल दिया कि सभी के सुझावों को आगे शामिल कर लिया जाएगा। उन्होंने विधेयक के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि धारा 10 जिसमें रजिस्ट्री के साथ नामांतरण की सुविधा है। भारत सरकार का भी निर्देश है कि भू-अभिलेख अपडेट किया जाए और इसके लिए
न्यायालय में प्रकरण लंबित न हो। श्री वर्मा ने यह भी कहा कि इसका रिकॉर्ड होगा, जियो रिफ्रेंसिंग हो, ऐसे प्रकरणों का रजिस्ट्री के साथ स्वतः ही नामांतरण हो जाएगा। इससे भूमि स्वामियों को राहत मिलेगी। रजिस्ट्री के दो महीना, चार महीना जो चक्कर लगाते थे, समय और धन भी व्यर्थ जाता है, इस विधेयक के आने से समय की बचत होगी। कांग्रेस विधायक राघवेंद्र सिंह ने कहा कि
डिजिटल प्लेटफार्म अच्छा है, जो लोग अधिसूचना से पहले टोकन देकर एग्रीमेंट करा लेते हैं, उस एग्रीमेंट व टोकन पर रोक लगाई जाए, तभी विधेयक का ध्येय पूरा होगा। भाजपा विधायक अनुज शर्मा और रोहित साहू ने विधेयक का समर्थन किया। वहीं नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि धारा 110 के साथ-साथ 109 दोनों को विधेयक में शामिल कर लीजिए। विधायक उमेश पटेल ने कहा कि किस माध्यम से नोटिस तामिल होगी, जिस पर मंत्री श्री वर्मा ने कहा कि संदेश, वाट्सअप और ईमेल के जरिए भेजा जाएगा। नोटिस तामिली का पुराना मैन्युअल सिस्टम भी जारी रहेगा। इसके बाद विधेयक ध्वनिमत से पारित हुआ।
अब जमीन की रजिस्ट्री के साथ ही होगा नामांतरण….
