दैनिक श्रमिक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष अजय त्रिपाठी द्वारा उच्च स्तरीय शिकायत लोनिवि को लेकर राज्यपाल सहित बड़े हस्तियों से की गई थीं। ईपीएफ़ के सबंन्ध में विस्तार से शिकायत की गई थी। जिस पर बहुत बड़ी कार्यवाही की गई है।
प्रदेश में छत्तीस हजार से अधिक बिना नियुक्ति पत्र, बिना रिक्त पद के, सबंधित विभाग से बिना बिचौलिये के श्रम दर का मासिक वेतन लेने वाले दैनिक श्रमिक समस्त विभाग में कार्यरत है। इन्हें आकस्मिक श्रमिक भी कहा जाता है। जिसमे लोनिवि में ही लगभग 6442 दैनिक मासिक श्रमिक कार्यरत है। इन्ही के हित मे यह बड़ी कार्यवाही की गई है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार 40 करोड़ राशि लोनिवि से ईपीएफ़ कार्यालय ने वसूल कर ली है। सभी 60 संभागीय कार्यालयों में 2015 से जनवरी 2021 तक कार्यरत दैनिक श्रमिको का ईसीआर और चलान ऑनलाइन जमा करने का आदेश प्रमुख अभियंता को दिया गया है। जिससे वसूल की गई राशि बिना त्रुटि के श्रमिकों के ईपीएफ़ खाते में जमा हो सके।
60 संभागीय कार्यालयों के बैंक खाते पुनः जब्त ईपीएफ़ द्वारा कर लिए गए है।
फरवरी 2021 से दिसम्बर 2024 अवधि के लिए नया 7 ए का प्रकरण लोनिवि के विरुद्ध दर्ज कर लिया गया है। इस सबंन्ध मे कार्यरत श्रमिको का इस अवधि का हर माह वेतन भुगतान की जानकारी भी मांगी गई है जिससे इस अवधि का दैनिक आकस्मिक श्रमिक और विभाग के बकाया का गणना कर राशि जमा करने का नोटिस पुनः दिया जा सके।
अनुमान के मुताबिक लगभग 93 करोड़ रु. फरवरी 2021 से दिसम्बर 2024 तक का लोनिवि को ईपीएफ़ कार्यालय में फिर जमा करना होगा। इसमे श्रमिकों का 12%भाग भी अब विभाग को ईपीएफ़ नियमानुसार स्वंय अपने 12% तक कुल 24% जमा करना पडेगा।