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छत्तीसगढ़िया महिला क्रान्ति सेना खरोरा खंड का गठन

 

*16 जुलाई को भिलाई में जब्बर हरेली तिहार में शामिल होने की अपील**

खरोरा;—
छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना प्रदेश भर में लगातार संगठन विस्तार का काम कर रही है और खुशी की बात यह है कि लोग स्वयमेव इस गैर राजनीतिक संगठन से जुड़कर छत्तीसगढ़िया वाद के नारे के संग शामिल हो रहे हैं राज्य निर्माण के 23 सालों बाद भी छत्तीसगढ़ी यों के लिए बनाया गया यह प्रदेश छत्तीसगढ़ी अस्मिता के लिए तरस रहा है ना तो अब तक यहां की मातृभाषा छत्तीसगढ़ी को मान मिल पाया और ना ही छत्तीसगढ़ के पारंपरिक वेशभूषा ही परिचय पा सकी इन सारे मामलों को लेकर छत्तीसगढ़िया अधिकारों की रक्षा छत्तीसगढ़िया स्वाभिमान की बात करने वाली गैर राजनीतिक संगठन छत्तीसगढ़िया महिला क्रांति सेना लगातार प्रदेश में सक्रिय है इतना ही नहीं महिलाओं के इस संगठन ने दिल्ली में संसद तक पहुंचकर छत्तीसगढ़ी का डंका बजाया है।

छत्तीसगढ़िया महिलाओं की तत्परता और एकजुटता ने छत्तीसगढ़ के पारंपरिक वेशभूषा को भी एक पहचान दी है वही छत्तीसगढ़ के मातृभाषा छत्तीसगढ़ी को लेकर भी हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है कि छत्तीसगढ़ी को जल्द से जल्द प्राथमिक शिक्षा का माध्यम बनाया जाए जो कि संविधान में निहित है इन्हीं सब बातों को लेकर छत्तीसगढ़िया महिला क्रांति सेना लगातार प्रदेश भर में संगठन विस्तार कर रही है।

खरोरा तहसील के ग्राम बंगोली,मुरा,धनसूली, रायखेड़ा,देवगांव,मढ़ी समेत दर्जनों गांव की महिलाएं ग्राम खौना में एकजुट हुईं।

संगठन विस्तार के इस मौके पर छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के प्रदेश संयोजक गिरधर साहू, रायपुर जिला ग्रामीण के अध्यक्ष गजेंद्र रथ, छत्तीसगढ़िया युवा क्रांति सेना के गोपी साहू, छत्तीसगढ़िया महिला क्रांति सेना रायपुर जिला अध्यक्ष रिचा वर्मा, लक्ष्मी नाग उपस्थित रहे, सैकड़ों महिलाओं के बीच छत्तीसगढ़ियों को एकजुट करने का लक्ष्य बनाया गया इस मौके पर छत्तीसगढ़ प्रदेश के पुरखों को आवाहन कर छत्तीसगढ़िया राज लाने की बात हुई।

बैठक की शुरुआत छत्तीसगढ़ महतारी की वंदना के साथ किया गया और इसके बाद छत्तीसगढ़िया महिला क्रांति सेना की ओर से खरोरा खंड के लिए जिम्मेदारों का चुनाव किया गया और उन्हें पद की जिम्मेदारी सौंपी गई, कोस्टाउन्हा लाली गमछा कंधे पर डालकर छत्तीसगढ़ियावाद के लिए काम करने का संकल्प दिलाया गया।

प्रदेश संयोजक गिरधर साहू ने छत्तीसगढियों की पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा की, यह प्रदेश बना तो छत्तीसगढ़ियों के लिए था लेकिन परप्रांतीय ने ऐसा होने नहीं दिया, हमारे प्रदेश की परंपराओं को तीज त्योहारों को पुरखों को लगातार अपमानित किया जाता रहा है इसके लिए हम सभी छत्तीसगढियों को एक होकर आवाज उठानी होगी, उन्होंने कहा कि अब छत्तीसगढ़ प्रदेश को छत्तीसगढ़िया मुख्यमंत्री नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ियावादी मुख्यमंत्री की जरूरत है।

बैठक में छत्तीसगढ़िया महिला क्रांति सेना की अध्यक्ष रिचा वर्मा ने छत्तीसगढ़ के परंपरागत पहनावे पर बात रखी और कहा कि हर प्रदेश अपने विशिष्ट पहनावे और अंदाज के लिए जाना जाता है ठीक वैसा ही छत्तीसगढ़ियों का अपना परिधान है जो लगातार खत्म होते जा रहा है इसे जिंदा करने के लिए छत्तीसगढ़िया महिला क्रांति सेना लगातार प्रयास कर रही है।
बैठक में उपस्थित महिलाओं से आग्रह करते हुए लक्ष्मी नाग ने कहां कि छत्तीसगढ़ का अपना चिर परिचित अलंकार है यहां की गहनों को देख कर ही पहचाना जा सकता है, गहनों का वैज्ञानिक तर्क भी है जिसकी चर्चा छत्तीसगढ़िया महिला क्रांति सेना की महिलाओं ने की।

छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना रायपुर जिला ग्रामीण के अध्यक्ष गजेंद्ररथ ने छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के उद्देश्य और कामकाज के बारे में बताते हुए छत्तीसगढ़ियावाद के लगातार गाढ़ा होने की बात कही और ज्यादा से ज्यादा संख्या में युवाओं को महिलाओं को छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना संगठन में शामिल होने की अपील की उनका मानना है कि जिस तेजी से छत्तीसगढ़ में गैर छत्तीसगढियों ने कब्जा जमाना शुरू किया है उससे निपटने के लिए छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना ही एकमात्र विकल्प है जो लगातार छत्तीसगढ़िया जनमानस के अधिकारों को लेकर लड़ाई लड़ रही है।

इस बैठक में छत्तीसगढ़िया महिला क्रांति सेना खरोरा का गठन भी किया गया।

छत्तीसगढ़िया महिला क्रान्ति सेना में इन्हें मिली जिम्मेदारी

खरोरा खंड़ संयोजक – सावित्री पैकरा
अध्यक्ष – नागेश्वरी पाल
महामंत्री – किर्तनी वर्मा
सचिव – उमा टंडन
सह सचिव – कुंती साहू
मीडिया प्रभारी – सरस्वती यादव

ग्राम खौना में गुड़ी की जिम्मेदारी भी महिलाओं को सौंपा गया।

गुड़ी अध्यक्ष (ग्राम खौना) – शकुंतला साहू
सचिव (ग्राम खौना) – मनीषा कुर्रे

इस मौके पर सभी महिलाओं ने ज्यादा से ज्यादा महिला समूहों को छत्तीसगढ़िया महिला क्रान्ति सेना से जोड़कर छत्तीसगढ़ में छत्तीसगढ़ियों के नेतृत्व के लिए तैयार करने की बात कही।

कार्यक्रम के समापन पर छत्तीसगढ़ की पहली तिहार हरेली मनाने को लेकर तैयारियों पर चर्चा हुई, भिलाई में 16 जुलाई को आयोजित जबर हरेली रैली में सभी प्रदेशवासियों को शामिल होने के लिए नेवता दिया गया, खरोरा खंड उपाध्यक्ष प्रियंकर सेन, कविता सेन की अगुवाई में यह कार्यक्रम आयोजित था।

  1. “”छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना लगातार छत्तीसगढ़ियों के हक अधिकार की लड़ाई लड़ रही है, हमने प्रदेश के किसान मजदूरों की लड़ाई लड़ी है, छत्तीसगढ़ियों में व्याप्त दब्बूपन को खत्म कर साहस भरा है और लगातार हर मंच से छत्तीसगढ़ियावाद की बात को बल दिया है, इस प्रदेश में यहां के लोगों का राज हो न कि बाहरी परप्रांतियों का इस सन्देश को लेकर लगातार छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना काम कर रही है।””

: गिरधर साहू, प्रदेश संयोजक, छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना
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जिस आशा से यह प्रदेश बना उसे अब तक प्राप्त नही किया जा सका है, यहां ‘की भाषा, संस्कृति, वेशभूषा लगातार नंदा रही है, यहां के उद्योग, नौकरशाही में गैर छत्तीसगढ़ियों का कब्जा है, आज भी आम छत्तीसगढ़िया शोषित है उन्ही अंतिम पंक्ति के छत्तीसगढ़िया को न्याय मिले इस लिए क्रान्ति सेना काम कर रही है ।”
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गजेंद्ररथ ,अध्यक्ष छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना रायपुर ग्रामीण

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