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रायपुर छत्तीसगढ़
इस कविता में कवि ने पूरी सिंदूर की कहानी को दर्शाते हुए पूरे देश वासियों का मनमोह लिया।
कवि श्री धीरेन्द्र वर्मा जी
भाटापारा देवरी
ये बेटियों का पुरुषार्थ नहीं है तो और क्या है
आपरेशन सिंदूर का कमान तेरे हाथ में ।
नौ नौ कारखाने आतंकवादियों के
धूल में मिलाने का सामान तेरे हाथ में ।
बेटी के सिंदूर का बदला बेटियां ही लेने चली
मिसाइल फाइटर प्लेन का उड़ान तेरे हाथ में ।
मेरे देश की बेटियों को कम ना समझो पाकिस्तान
थमा देंगे तेरी अर्थी का सामान तेरे हाथ में ।
एक बेटा पहले से सीमा में डटा हुआ
घर में बैठा जो बाकी पुत्र भेज देंगे हम।
सिंदूर के सम्मान को चलाया है जो आपरेशन
सेना के सम्मान मंगलसूत्र बेच देंगे हम।
परमाणु बम की धमकी हमें ना देना मुर्ख पाक
तेरे घर में आके तेरी जिव्हा खेंच लेंगे हम।
चुप रह ज्यादा हल्ला ना कर तू पाकिस्तान
सोच लेना तेरी बोटी बोटी नोंच लेंगे हम।
परमाणु बम परमाणु बम रटता है रात दिन,
तेरे पटाखों में फुस फुस आवाज है ।
आईने में देख और झाँक जरा गिरेबान,
तेरे अंग अंग फोडा दाद और खाज है।
आटा पाने देखो जहाँ लम्बी कतार लगे,
तू तो पाक दाने दाने को मोहताज है,
आपरेशन सिन्दूर से समझा तो ठीक वर्ना,
हमारे यहाँ चोला भी चढ़ाने का रिवाज है।
सिन्दूर की रक्षा को सावित्री,
यम के पीछे पड़ जाती है ।
सिन्दूर की रक्षा रानी पद्मिनी,
दुश्मन खेमे में जाती है ।
सिन्दूर की रक्षा माँ कैकेयी,
रथ चक्के में हाथ फंसाती है।
सिन्दूर की रक्षा को छत्तीसगढ़,
करू भात भी खाती है ।
प्रधान संपादक/राष्ट्रीय अध्यक्ष
मनोज वर्मा (स्वतंत्र)
मुंबई महाराष्ट्र
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