एंकर – आदिवासी छात्र युवा संगठन के कार्यकर्ताओं के द्वारा वीर शहीद गुण्डाधुर के छायाचित्र पर माल्यार्पण कर वीर शहीद गुंडाधूर अमर रहें, महान भूमकाल दिवस अमर रहें नारों के साथ महान भूमकाल दिवस मनाया , इस कार्यक्रम में आदिवासी छात्र युवा संगठन के अध्यक्ष राजेश नुरूटी ने कहा
गुंडाधुर वर्तमान छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के जगदलपुर तहसील के नेथनार गाँव के एक आदिवासी नेता थे उन्होंने बस्तर के कांगेर जंगल के धुरवाओं के 1910 के विद्रोह में एक प्रमुख भूमिका निभाई और विद्रोह का नेतृत्व किया। उन्हें बस्तर के कई आदिवासियों द्वारा नायक माना जाता है। वह बस्तर विद्रोह का नेतृत्व करने वाले प्रमुख नेताओं में से एक थे , हालाँकि गुंडा धुर को अंग्रेजों ने कभी नहीं पकड़ पाया। इन्होंने आदिवासियों के जल, जंगल, जमीन की रक्षा के लिए अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ भूमकाल आंदोलन की शुरुआत की थी. उन्होंने अपने दहशत से अंग्रेजों को कई दिनों तक जंगलों और गुफाओं में छुपने के लिए मजबूर कर दिया था.
वही विनोद कुमेटी जीत नाग ने भी कहा भूमकाल का मतलब है “जमीन से जुड़े लोगों का आंदोलन” जिसे बचाने के लिए बस्तर के वीर योद्धाओं ने अपनी प्राण की आहुति दे दी थी और आज भी इस आंदोलन और इसके योद्धाओं को याद कर हर साल 10 फरवरी को भूमकाल दिवस मनाया जाता है. सुनील सलाम सैतू सलाम संजय सलाम ने भ बात रखते हुए उन्होंने गुण्डाधुर के जीवन के बारे में बताया कि समाज तभी तरक्की कर सकता है, जब समाज के लोग पढ़े लिखे और शिक्षित हो और नशा, जुए जैसी बुरी आदतों से दूर रहें। इसके लिए घर की हर महिलाओं को ही प्रयास करना होगा इस कार्यक्रम में आदिवासी छात्र युवा संगठन के अध्यक्ष राजेश नुरूटी, महामंत्री विनोद कुमेटी, सचिव सुनील सलाम, संगठन प्रभारी जीत नाग,सैतु सलाम ,सनोती मंडावी,जयलाल आचला,संजय सलाम, लांखेश कुमेटी लक्ष्मण नुरूटी, वासुदेव कोडोपी, सामसाय कोड़ोपी, प्रेमबत्ती उसेंडी आदि उपस्थित थे
आदिवासी छात्र युवा संगठन के द्वारा आज पखांजूर के वीर शहीद गुण्डाधुर चौक में महान भूमकाल दिवस मनाया गया,
