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December 8, 2023

विधानसभा का चुनाव संपन्न हो गया है। भूपेश बघेल की सरकार बदल गई है। अब बदली राजनीतिक समीकरण को लेकर केवल राजनीतिक दल के लोग ही नहीं चिंतन कर रहे हैं बल्कि आम लोग और किसान भी चिंतन कर रहे यह भी सोच रहे हैं कि 5 साल में कई ऐतिहासिक करने के बाद भी भूपेश बघेल सरकार क्यों बदल गई। घोषणा पत्र भी भाजपा की तुलना में कांग्रेस का मजबूत था इसके बाद भी लोगों ने भूपेश बघेल को क्यों नकार दिया, इसको लेकर लोक चर्चा में लगे हुए सरकार चली गई हो लेकिन बघेल कई मायने में किसानों याद आएंगे। खास तौर पर धान की कीमत को बढ़ाने को लेकर बघेल को ही याद करेंगे।विधानसभा चुनाव के बाद छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार बनने वाली है। भूपेश बघेल की सरकार अब सत्ता से बाहर है,लेकिन हमेशा की तरह लोग अब चिंतन मनन और मंथन में लग गए हैं। बीते 5 साल के भूपेश बघेल के कार्यकाल को याद की कर रहे हैं कि उन्होंने क्या किया और क्या नहीं किया। इस मामले में किसान वर्ग सबसे आगे हैं,किसानों का कहना है कि भूपेश बघेल ने ही आज धान की कीमत बढ़ाई है। यदि भाजपा आज 3100 रुपए दे रही है तो इसका श्रेय भी भूपेश बघेल को ही जाता है,क्योंकि यदि भूपेश बघेल धान की कीमत 2800 नहीं करते तो शायद भाजपा भी धान की कीमत इतनी नहीं देती। यही वजह है कि सरकार तो भले चली गई है लेकिन किसान भूपेश बघेल को हमेशा याद रखेंगे कि उनकी उपज की वास्तविक कीमत दिलाने में भूपेश बघेल की ही महत्वपूर्ण भूमिका है। कर्ज माफी और धान की कीमत बढ़ाकर भरी थी किसानों की झोली किसानों का मानना है कि पिछले 5 साल में किसान काफी समृद्ध हुए हैं। 5 साल पहले धान की कीमत 1700 रुपए मिलती थी,जिसे भूपेश बघेल ने 2500 रुपए किया उसके बाद इस बार 2800 किया था। इसके बाद ही भाजपा ने 3100 देने का वादा किया। इसके अलावा 5 साल पहले जो ऋण माफी की थी इससे किसान काफी सुदृढ़ हुए थे। अधिकतर किसानों का यही मानना है कि कर्ज माफी से ज्यादा प्रभावशाली धान की कीमत बढ़ाना रहा, क्योंकि बढ़ी हुई कीमत हर साल मिलनी है,इससे किसानों को फायदा होगा जबकि समर्थन मूल्य हर साल 100 से 150 रुपए ही बढ़ता है। इस तरह किसानों को यही मानना है कि 5 साल में किसानों के लिए भूपेश बघेल ने बहुत कुछ किया था। स्वामी आत्मानंद स्कूल भी रही उपलब्धि गांव के किसानों, गरीबों के बच्चों को अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा दिलाने शुरू किए गए स्वामी आत्मानंद स्कूल भी भूपेश बघेल की बहुत बड़ी उपलब्धि रही है। इसके लिए भी लोग उन्हें हमेशा याद रखेंगे। इससे पहले सरकारी स्कूलों की हालत सभी जानते हैं अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में बड़े लोगों के बच्चे ही पढ़ सकते हैं,इस अवधारणा को खत्म करते हुए गांव के गरीब बच्चों को अंग्रेजी माध्यम स्कूल में भर्ती करने की सोच केवल भूपेश बघेल ने ही बदली थी। वहीं इस बार अपने घोषणा पत्र में केजी से लेकर पीजी तक मुफ्त की शिक्षा देने वाले थे,यह भी एक बड़ी सौगात हो सकती थी। आगे अब सरकार बदल जाने के बाद क्या होगा इसको लेकर संशय बना हुआ है। मिथलेश वर्मा बलौदा बाजार प्रथम दस्तक

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बंगाल की खाड़ी में बने तूफान मिचोंग के असर से प्रदेश के पूर्वी और अरब सागर में बने चक्रवात से आ रही नमी के असर से 4 दिसंबर की रात से शुरू हुई बारिश 5, 6 और 7 दिसंबर को भी रुक रुक कर होती रही। आसमान में घने बादल छाए हुए है। मौसम में लगातार हो रही तब्दीली से किसानों को फसल की चिंता सताने लगी है हवा चलने से तापमान कम हो गया है। हर साल की तरह इस साल भी मेहनतकश किसानोे ने अपने खून पसीना सींचकर धान की बम्पर पैदावार ली है। किंतु पिछले तीन दिनों से हो रही बारिश ने किसानो की चिंता बढ़ा दी है। पिछले 5 दिनों से मौसम में आए एकाएक बदलाव से क्षेत्र में 3 दिनो से बेमौसम बारिश हो रही है लिहाजा किसानों की मुसीबत बढ़ गई है। बादल छाए रहने के साथ दो-तीन दिन से हो रही बारिश से धान की कटाई मिजाई के अलावा समिति में धान खरीदी कार्य पर विराम लग गया हैं। लगातार दो दिनों से हो रही बारिश ने खेती किसानी चौपट कर दी है। खेत खलिहान गीले हो गए हैं जिसमें ट्रैक्टर या अन्य मशीने नहीं चल पाएगी। ऐसे में अब मौसम भी खुलता है तो कटाई मिजाई के लिए किसानों को खेतों के सूखने तक इंतजार करना होगा। मुंडा के कृषक पोखराज साहू मेलाराम रजक सुमेर वर्मा हरिशंकर साहू धनगांव के तुलसी मनहरे कोहरौद के किसान पन्ना रजक हंस रजक सालिक पटेल ने बताया कि खराब मौसम ने फिर एक बार किसानों को परेशानी में डाल दिया है। सोमवार को दिनभर बादल छाए रहने के बाद मंगलवार से लेकर गुरुवार तक सुबह से लेकर शाम तक रिमझिम बारिश होती रही बारिश और ठंड से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गए हैं। बारिश के चलते कृषि कार्य ठप हो गए हैं। कटाई मिजाई के दौर में बारिश होने से परेशानी बढ़ गई है वर्तमान में लगभग 30 फ़ीसदी धान कटाई कार्य बचा हुआ है बारिश होने से खेतों का धान फिर भीग गया है। किसानों ने बताया कि बारिश होने से धान की फसल प्रभावित हो रही है बारिश से खड़ी फसल नरम होकर गिरने लगी है वही कट चुका धान भीग रहा हैं। मौसम की मिजाज को देखते हुए किसानो की माथे पर चिन्ता की लकीरे साफ तौर पर देखी जा रही है। वही कई ऐसे किसान है जिनके पास अपनी फसल को सुरक्षित रखने के लिए जगह का अभाव जिसके चलते बेमौसम बारिश से अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। मिथलेश वर्मा बलौदा बाजार प्रथम दस्तक

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रायपुर 7 दिसंबर 2023। रायपुर कोर्ट में कोयला घोटाला मामले में बुधवार को सुनवाई हुई। विशेष न्यायाधीश अजय सिंह राजपूत की कोर्ट में आज सुनवाई हुई। सुनवाई में कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव समेत 9 लोग कोर्ट में हाज़िर नहीं हुए। कोर्ट में हाजिर नहीं होने की वजह से तीसरी बार कोर्ट ने देवेंद्र यादव समेत 9 लोगो को नोटिस जारी किया। कोर्ट ने 9 आरोपियों को फिर से नोटिस जारी किया गया है। यह नोटिस विधायक देवेंद्र यादव, पूर्व विधायक चंद्रदेव राय, कांग्रेस नेता आरपी सिंह, विनोद तिवारी, रोशन सिंह, पीयूष साहू, नारायण साहू, मनीष उपाध्याय को जारी किया गया। इधर जेल में बंद आरोपियों के जेल से कोर्ट नहीं आने पर ईडी वकील ने आपत्ति दर्ज की।आपत्ति के बाद जेलर को कोर्ट में तलब कर जज ने फटकार भी लगायी। जिसके बाद आनन फ़ानन में जेल प्रशासन ने लंच के बाद वीडियो कॉन्फ़्रेंस के ज़रिए कोर्ट में पेशी करायी। दरअसल कोयला घोटाले केस में जेल में बन्द सौम्या चौरसिया, समीर विश्नोईन, रानू साहू और सूर्यकांत तिवारी सहित अन्य लोगों को कोर्ट में पेश होना था। लेकिन मामले से जुड़े आरोपी पिछली तीन पेशी से कोर्ट में हाजिर नहीं हो रहे हैं, ना ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़ रहे हैं। कोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख़ 6 जनवरी तय की है। रानू साहू की जमानत पर आज सुनवाई कोयला घोटाले में ईडी की गिरफ्त में आई छत्तीसगढ़ की महिला आईएएस रानू साहू पर फैसला आ सकता है। बिलासपुर हाईकोर्ट में कल उनके जमानत याचिका पर सुनवाई होगी। महिला अधिकारी रानू साहू को इसी साल के जुलाई में ईडी ने गिरफ्तार किया था। उनपर कथित कोयला घोटाले में शामिल होने का आरोप ईडी की ओर से लगाया गया था। वह फ़िलहाल जेल में बंद है। इस पूरी कार्रवाई के बाद राज्य सरकर ने उन्हें सेवा से निलंबित भी कर दिया था। मिथलेश वर्मा बलौदा बाजार प्रथम दस्तक

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